कहा था याद है तुम ने
कि मैं हूं चान्द
और तुम चान्दनी मेरी
मगर जब चान्द छुप जाए
कहो फिर चान्दनी कैसी ... ?
कहा था याद है तुम ने
कि मैं हूं फूल
और तुम फूल की खुश्बू
मगर जब फूल मुरझा जाए
कहो खुश्बू भला कैसी ... ?
कहा था याद है तूने
कि मैं हूं दिल
तुम हो धड़कन
मगर दिल टूट जाए तो
कहो फिर धड़कनें कैसी ... ?
कहा था याद है तुम ने
कि मैं हूं आस
और तुम जिन्दगी मेरी
मगर जब आस टूटे तो
कहो फिर जिन्दगी कैसी ... ?
कि मैं हूं चान्द
और तुम चान्दनी मेरी
मगर जब चान्द छुप जाए
कहो फिर चान्दनी कैसी ... ?
कहा था याद है तुम ने
कि मैं हूं फूल
और तुम फूल की खुश्बू
मगर जब फूल मुरझा जाए
कहो खुश्बू भला कैसी ... ?
कहा था याद है तूने
कि मैं हूं दिल
तुम हो धड़कन
मगर दिल टूट जाए तो
कहो फिर धड़कनें कैसी ... ?
कहा था याद है तुम ने
कि मैं हूं आस
और तुम जिन्दगी मेरी
मगर जब आस टूटे तो
कहो फिर जिन्दगी कैसी ... ?
बेहतरीन और ख़ूबसूरत रचना :)
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